Hello friends आज हम राजस्थान के दुर्गो के बारे मे जानेगे।
चित्तौड़ ( चित्रकूट ) का किला ( चित्तौड़गढ )
चित्तौडगढ किले से सम्बंधित है ।
- "गढ तो चित्तौड़,बाकी सब गढ़ैया" कहावत
- चित्तौड़ का किला गंभीरी और बेड़च नदियो के तट पर स्थित है ।
- कुम्भा द्वारा निर्मित विजयस्तम्भ चित्तौड़ के दुर्ग मे स्थित है ।
- विश्व का सबसे बडा कत्लेआम चित्तौड़ किले मे 1567 ई. मे अकबर ने किया था ।
- चित्तौड़ किले का निर्माण चित्रांगद मौर्य ने करवाया था ।
- घी- तेल की बावड़ी इसी दुर्ग मे स्थित है ।
- चित्तौड़ किले मे तीन साके हुए ।
- पहला 1303 , दूसरा 1534 , तीसरा 1567 मे।
जैसलमेर दुर्ग :-
● इस किले का निर्माण भाटी शासक , जैसल भाटी ने ,1155 ई. को करवाया था ।
● यह दुर्ग धान्वन श्रेणी के दुर्ग मे आता है ।
● इस दुर्ग की प्रमुख विशेषता यह है कि इसके निर्माण मे चूने (चूना) का उपयोग नही किया गया है।
पत्थर पर पत्थर रखकर ही इसका निर्माण किया गया है।
● इस किले का निर्माण भाटी शासक , जैसल भाटी ने ,1155 ई. को करवाया था ।
● यह दुर्ग धान्वन श्रेणी के दुर्ग मे आता है ।
● इस दुर्ग की प्रमुख विशेषता यह है कि इसके निर्माण मे चूने (चूना) का उपयोग नही किया गया है।
पत्थर पर पत्थर रखकर ही इसका निर्माण किया गया है।
● यह चित्तौड़गढ के बाद दूसरा सबसे बडा लिविंग फोर्ट है।
● रंग महल, राजमहल, मोती महल और दुर्ग संग्रहालय दर्शनीय है ।
● जैसलमेर दुर्ग दूर से ऐसा लगता है मानो रेत के समुद्र मे कोई विशाल जहाज लंगर डाले खडा हो ।
● इसको सोनारगढ भी कहते है।
● इस दुर्ग को जनवरी 2005 मे विश्व धरोहर की सूची मे शामिल किया गया ।
● जैसलमेर दुर्ग मे अढाई साके हुए है।
भटनेर का किला ( हनुमानगढ)
● यह राजस्थान का सबसे प्राचीन दुर्ग है।
● मूल दुर्ग मिट्टी का बना हुआ है , बाद मे पक्की ईटों का उपयोग किया गया ।
● इस दुर्ग मे सन् 1398 को तैमूर लंग के आक्रमण के समय हिन्दु महिलाओ के साथ मुस्लिम महिलाओ ने भी जौहर किया था ।
● इस दुर्ग पर सर्वाधिक विदेशी आक्रमण हुए ।
● निर्माण :- महाराणा कुम्भा ने अपनी पत्नी की याद मे मण्डन की निगरानी मे सन् 1443 से 1458 के मध्य।
● महाराणा उदय सिंह और महाराणा प्रताप का राज तिलक इसी दुर्ग मे ।
● इस दुर्ग मे सबसे ऊपर स्थित कटारगढ को मेवाड की आँख कहते है।
● कुम्भलगढ संकट काल मे मेवाड के राजाओ की शरण स्थली रहा है।
● दुर्ग की दिवार 36 किलोमीटर लम्बी और 7 मीटर चौडी है
● निर्माण :- चिडियाटूंक पहाडी पर राव जोधा ने 13 मई 1459 मे ।
● जोधपुर के राजाओ का राज तिलक इसी दुर्ग मे होता था ।
रणथम्भौर का किला ( सवाई माधोपुर)
● निर्माण :- 8 वी शताब्दी मे अजमेर के चौहान शासक द्वारा ।
● यह किला चित्तौड़ किले का छोटा भाई कहलाता है।
● दुर्ग मे 32 खम्भो की छतरी , गणेशजी का त्रिनेत्र मंदिर, हम्मीर महल , सुपारी महल स्थित है।
तारागढ ( अजमेर )
● निर्माण :- 1313 ई. मे चौहान शासक अजयराज ने।
● उपनाम :- गढ़ बीठली , अजयमेरू ।
● राजस्थान मे सर्वाधिक आक्रमण इसी दुर्ग पर हुए ।
● यह समुद्र तल से 870 मीटर ऊंचाई पर स्थित है।
● रंग महल, राजमहल, मोती महल और दुर्ग संग्रहालय दर्शनीय है ।
● जैसलमेर दुर्ग दूर से ऐसा लगता है मानो रेत के समुद्र मे कोई विशाल जहाज लंगर डाले खडा हो ।
● इसको सोनारगढ भी कहते है।
● इस दुर्ग को जनवरी 2005 मे विश्व धरोहर की सूची मे शामिल किया गया ।
● जैसलमेर दुर्ग मे अढाई साके हुए है।
भटनेर का किला ( हनुमानगढ)
● यह राजस्थान का सबसे प्राचीन दुर्ग है।
● मूल दुर्ग मिट्टी का बना हुआ है , बाद मे पक्की ईटों का उपयोग किया गया ।
● इस दुर्ग मे सन् 1398 को तैमूर लंग के आक्रमण के समय हिन्दु महिलाओ के साथ मुस्लिम महिलाओ ने भी जौहर किया था ।
● इस दुर्ग पर सर्वाधिक विदेशी आक्रमण हुए ।
कुम्भलगढ ( राजसमंद)
● उपनाम :- कुम्भलमेर , कुम्भलकर , माहोंर ।● निर्माण :- महाराणा कुम्भा ने अपनी पत्नी की याद मे मण्डन की निगरानी मे सन् 1443 से 1458 के मध्य।
● महाराणा उदय सिंह और महाराणा प्रताप का राज तिलक इसी दुर्ग मे ।
● इस दुर्ग मे सबसे ऊपर स्थित कटारगढ को मेवाड की आँख कहते है।
● कुम्भलगढ संकट काल मे मेवाड के राजाओ की शरण स्थली रहा है।
● दुर्ग की दिवार 36 किलोमीटर लम्बी और 7 मीटर चौडी है
मेहरानगढ ( जोधपुर )
● उपनाम :- गढ़ चिंतामणि● निर्माण :- चिडियाटूंक पहाडी पर राव जोधा ने 13 मई 1459 मे ।
● जोधपुर के राजाओ का राज तिलक इसी दुर्ग मे होता था ।
रणथम्भौर का किला ( सवाई माधोपुर)
● निर्माण :- 8 वी शताब्दी मे अजमेर के चौहान शासक द्वारा ।
● यह किला चित्तौड़ किले का छोटा भाई कहलाता है।
● दुर्ग मे 32 खम्भो की छतरी , गणेशजी का त्रिनेत्र मंदिर, हम्मीर महल , सुपारी महल स्थित है।
तारागढ ( अजमेर )
● निर्माण :- 1313 ई. मे चौहान शासक अजयराज ने।
● उपनाम :- गढ़ बीठली , अजयमेरू ।
● राजस्थान मे सर्वाधिक आक्रमण इसी दुर्ग पर हुए ।
● यह समुद्र तल से 870 मीटर ऊंचाई पर स्थित है।
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जवाब देंहटाएंNice
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